KTN: अतरी विधानसभा चुनावी चर्चा.. मुद्दे नहीं मूड पर वोट करेगा अतरी - Khizersarai Town News

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09 September 2020

KTN: अतरी विधानसभा चुनावी चर्चा.. मुद्दे नहीं मूड पर वोट करेगा अतरी

अतरी। 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव पूर्व निर्धारित समय पर हो इसके लिए चुनाव आयोग हर एक को कोशिश कर रही है।


कोरोना के बीच चुनाव में कई बदलाव देखने को मिलेगा यदि कुछ नहीं बदलेगा तो वह है अतरी के लोगों का अपने विधायक चुनने का पैमापा।


पिछले कई  चुनाव देखे तो यही होता आ रहा है अतरी के लिए किसी उम्मीदवार ने कभी अपने प्लान नहीं बताये की वे करना क्या चाहते हैं और न ही किसी ने कभी पूछा बस लोग अपने मन मुताबित जिसे मन किया वोट कर दिए और यादव बहुल इस विधानसभा में लालू यादव के राजद के राजेंद्र प्रसाद यादव और उनकी पत्नी कुंती देवी लंबे समय से विधायक बनते रहे। 2010 में नए परिसीमन के बाद लोगों का मूड बदला या यूँ कहें एक ही परिवार को विधायक बनाते बनाते ऊब चुके लोग, 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवार प्रोफेसर डॉ कृष्णनंदन यादव को विधानसभा भेज दिए। यदि कामों का आकलन करें तो प्रोफेसर यादव का कार्य बहुत ही बेहतर रहा है आज भी लोग इसकी चर्चा जरूर करते हैं कि काम तो पहले वाले की अपेक्षा में काफी अच्छा किये पर 2015 के चुनाव में जदयू-राजद के गठबंधन का इन्हें शिकार बनना पड़ा अतरी राजद के खाते में चली गई पर इन्हें अपने किये कार्यों पर भरोसा था और इन्होंने पप्पू यादव की पार्टी से अतरी के चुनावी मैदान में थे पर लोगों को रास नहीं आया और एक बार फिर राजद से कुंती देवी NDA गठबंधन के लोजपा उम्मीदवार अरविंद कुमार सिंह को पछाड़ विधानसभा पहुँच गईं।


अब एक बार फिर चुनाव सामने है कई लोग चुनाव की तैयारी में लग गए हैं सबलोग अपने अपने तरीके से चुनाव प्रचार में लगे है।


सामने आ रही जानकारी के अनुसार इस बार राजद अतरी विधायक पुत्र रंजीत यादव को उम्मीदवार बनायेगी और ये राजद के नाम पर ही वोट मांग विधानसभा पहुंच जाने की जुगत लगाएंगे और सच्चाई यही है कि राजद के नाम पर ही यहां जीत मिलती रही है और राजेंद्र परिवार पार्टी से बाहर अपना वोट बैंक बनाने में नाकाम रहे हैं।


NDA में अभी घमासान मचा है लोजपा के अरविंद सिंह प्रबल दावेदार हैं पिछले चुनाव हार जाने और अतरी से बाहर के होने के वावजूद अतरी आना जाना लगातार करते रहे वहीं कृष्णनंदन यादव जो पिछला चुनाव जाप से लड़ चुके थे चुनाव बाद तुरंत जदयू में आ मिले थे और इस बार वे भी अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हैं वही हाल ही में महागठबंधन से NDA में आये जीतनराम मांझी की हम ने भी इस सीट पर दावेदारी पेश की जीतनराम मांझी का गृह विधानसभा होने के वावजूद इनके  पास कोई स्थानीय उम्मीदवार नहीं है रिंकू यादव जो बेलागंज विधायक  डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव के रिश्तेदार है या शीतल यादव जो एमएलसी मनोरमा देवी देवर यानि बिंदी यादव के भाई है को उम्मीदवार के रूप में सामने रख रहें है ऐसे शीतल यादव को वजीरगंज से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप आना लगभग तय माना जा रहा हैं वहीं रिंकू यादव को भाजपा के टिकट पर अतरी के मैदान में उतरने की भी चर्चा है।


NDA को जहां आशुतोष कुमार की RJJP टेंशन बढ़ा दी है शैलेंद्र कुमार यहां से उम्मीदवार होंगे और NDA के कैडर वोट में मजबूत सेंध लगा सकते हैं अबतक यह माना जा रहा था कि ये राजद की राह में आ रहे रोड़े को हटाने का काम करेंगे क्योंकि NDA के वोट में बिखराव होगा जिसका लाभ राजद को मिलना तय है पर अब राजद की बेचैनी बढ़ गई है।


पूर्व विधायक राजेंद्र यादव के भतीजा बथानी के पूर्व जिला परिसद सदस्य रहे सुभाष बोस ने मायावती के बहुजन समाज पार्टी से अतरी के चुनावी मैदान आने की घोषणा कर क्षेत्र का दौरा शुरू कर चुके हैं। और यदि अतरी से विधायक पुत्र रंजीत यादव यानि की चचेरे भाई यदि चुनावी मैदान में सामने होते हैं तो सुभाष बोस का पक्ष और मजबूत होगा क्योंकि कुंती देवी से लोगों नाराजगी और अपने उनके बेटे को चुनने से ज्यादा अच्छा सुभाष बोस को चुनना मानेंगे क्योंकि रंजीत यादव बथानी के प्रमुख रहें है और सुभाष बोस जिला परिसद। लोग इनदोनो के कार्यशैली का तुलना करेंगे तो रंजीत की क्षमता एक विधायक के रुप में आक कर करेंगे क्योंकि अतरी विधायक कुंती देवी के प्रतिनिधि के रूप में यही सक्रिय रहे हैं साथ ही सुभाष बोस को अपने चचेरे भाई के खिलाफ अपना पक्ष भी मजबूती से रखने का मौका मिलेगा।


वही खिजरसराय के एक निजी विद्यालय संचालक की भी चर्चा चुनावी मैदान में आने की हो रही है  वहीं प्लुरल्स की पुष्पम प्रिया चौधरी भी अपना रुख अतरी के तरफ मोड़ ली है उम्मीदवार पर कोई चर्चा तो अबतक इनका न हुआ है वहीं आम आदमी पार्टी से भी दो दावेदार सामने है।जो भी हो पर किसी ने अतरी के विकास को लेकर ठोस प्लान अभी तक सामने नहीं रखा है और मतदाता भी मुद्दे नहीं, मुंह देखकर अपने मन मुताबित वोट करेंगे।

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