खिजरसराय। गेंहू पकने के साथ एक बड़ी समस्या उन हार्वेस्टर मालिकों के सामने आन खड़ी हुई है। जो पंजाब और हरियाणा से हार्वेस्टर ऑपरेटर लाते हैं। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते यह नामुमकिन नहीं तो मुश्किल जरूर लग रहा है। गौरतलब है कि बिहार के तमाम हार्वेस्टर मालिक हार्वेस्टर संचालन के लिए पंजाब और हरियाणा के ऑपरेटरों पर निर्भर करते हैं। ऐसे में गेहूं कटाई के मौसम आने के साथ उनकी चिंता इस लिए भी बढ़ी हुई है। क्योंकि एकतरफ जहां खेतों व किसानों की उनकी जरूरत है। वहीं हार्वेस्टर मालिकों के द्वारा इस बार हार्वेस्टर बैठ जाने के बाद उन्हें बैंक कर्ज की भी चिंता सता रही है।
क्यों चिंतित है हार्वेस्टर मालिक
इस्माइलपुर के हार्वेस्टर मालिक पंकज कुमार ने बताया कि उन्होंने बैंक से कर्ज लेकर हार्वेस्टर खरीदी है। वहीं बहुत सारे ऐसे लोग भी है जो निजी फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेकर हार्वेस्टर की खरीद करी है। जिसका ईएमआई सीजन खत्म होने के साथ देना होता है। अगर सरकार की ओर से पंजाब और हरियाणा से ऑपरेटर लाने की अनुमति नहीं मिलती। तो फिर इस बार हार्वेस्टर मालिकों को गंभीर आर्थिक नुकसान होगा। वे अपना ईएमआई भी नहीं भर सकते। गेंहू कटाई सीज़न खत्म होने के बाद उनके लिए कोई विकल्प नहीं होगा कि वे अपने हुए नुकसान की भरपाई कर सकेंगे।किसानों को भी होगा नुकसान
इसका असर किसानों पर भी होगा। लॉकडाउन के बाद मजदूर का मिलना मुश्किल है। किसान नवल शर्मा ने बताया कि अगर मजदूर मिल भी जाते हैं। तो कटाई में लम्बा वक्त लग सकता है। जिसके चलते आगे मूंग व अन्य फसलों के बुबाई पर भी इसका असर पड़ सकता है।क्या है सरकार का इसपर रुख
गया के कृषि पदाधिकारी के एक पत्र के अनुसार हार्वेस्टर मालिकों को इस बाबत पंजाब व हरियाणा से ऑपरेटर लाने की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए मालिकों को पहले स्थानीय प्रखंड कृषि पदाधिकारी को आवेदन देना होगा। जिसके बाद जिला कृषि अधिकारी इसे अनुमोदित करेंगे। फिर वह इसे जिला परिवहन पदाधिकारी को भेजेंगे। जहां से उन्हें अंतिम अनुमति दी जाएगी। वहीं ऑपरेटरों को इसके लिए अपने राज्य सरकार के द्वारा तय पदाधिकारियों से अनुमति लेना होगा।रिपोर्ट- एस शंकर
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