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कितने किसानों ने दर्ज करवाए आवेदन
फरवरी रवि इनपुट के लिए खिजरसराय से 16 हजार आठ सौ 53 किसानों ने आवेदन किए थे। वहीं जिला स्तर पर बात करे तो तीन लाख 50 हजार आठ सौ 34 किसानों ने आवेदन किए। वहीं पुरे बिहार स्तर पर 13 लाख 23 हजार आठ सौ 93 किसानों ने आवेदन किए। वहीं इसके उलट मार्च रवि इनपुट के लिए खिजरसराय से 11 हजार छह सौ चार किसानों ने आवेदन किए। पूरे गया जिला से एक लाख 93 हजार आठ सौ 34 लोगों ने आवेदन किए। वहीं प्रदेश स्तर पर छह लाख 12 हजार तीन सौ 72 लोगों ने ही आवेदन दर्ज करवाए। यानी यह संख्या फरवरी इनपुट आवेदन के अपेक्षा आधा से भी कम रही।
क्यों रद्द की जा रही है आवेदन
किसानों के फरवरी माह का आवेदन रद्द क्यों किया जा रहा है। यह स्पष्ट तौर कोई भी बताने को तैयार नहीं है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारिक स्तर पर जिन प्रखंडों में रवि फसल का 33 प्रतिशत से कम नुकसान का होना बताया जा रहा है। वहां के आवेदन रद्द किए जा रहे हैं। फिर सवाल यह भी उठता है कि किसानों आवेदन लिए ही क्यों गए थे। कृषि अनुदान वेबसाईट के अनुसार फरवरी माह में क्षति के अनुदान के लिए ऑनलाईन आवेदन 9 मार्च से शुरू हुआ। वहीं लॉकडाउन की अवधि तक यह चलते रहा। इसके बाद कब से मार्च का आवेदन शुरू हुआ यह लोगों को समझ में ही नहीं आया। पचमहला के किसान मुकेश कुमार ने बताया कि उन्हें समझ ही नहीं आया कि फरवरी के बाद मार्च का भी आवेदन हो रहा है। उनका फरवरी माह का आवेदन 17 अप्रैल का रद्द कर दिया गया। जब उन्होंने किसान सलाहकार से बात कि तो उन्हें फिर से आवेदन करने को कहा गया। लेकिन सर्वर धीमी रहने की वजह से नहीं हो पाया। मार्च इनपुट आवेदन की अवधि 18 अप्रैल को खत्म कर दी गई। लेकिन इसके बारे न तो अधिकारिक वेबसाईट पर अंतिम तिथि की बाबत सूचना दर्ज है। न ही छह पन्ने की अधिकारी नोटिफिकेशन में इसका कहीं जिक्र है। एक अन्य किसान अजीत सिंह सवाल उठाते हैं कि जब रद्द ही करने थे तो आवेदन लिए क्यों गए। दूसरी बात कि इसके लिए जवाबदेह पदाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। वहीं किसानों के लिए ऑनलाईन पोर्टल फिर से खुलनी चाहिए।
क्या कहते हैं सूबे के कृषि मंत्री- (जैसा कि उन्होंने KTN के सहयोगी संजीत को बताया)
चलभाषा पर सोमवार की शाम कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि अभी इसपर कोई विचार नहीं किया गया है। हमारी पहली प्राथमिकता अब तक आये आवेदन को जांच कर अविलंब राशि भेजने की है। उसके बाद समीक्षा की जाएगी तब कुछ कहा जा सकता है। वहीं पान और फूल के किसानों के के बारे में पूछे जाने पर बताये की फूलों के किसान के लिए सरकार से बातचीत की जा रही है। वहीं पान के किसानों को लेकर कहें कि आपने जिसके बारे में कहा अब उनका भी पूरा ख्याल रखा जाएगा कि उन्हें भुखमरी का सामना न करें। सरकार दोनों के लिए उचित सहयोग का इन्तेजाम करेगी।
रिपोर्ट- एस शंकर
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